शारीरिक गतिविधि और कार्डियक पुनर्वास: भारतीय परिवेश के लिए व्यायाम योजनाएँ

शारीरिक गतिविधि और कार्डियक पुनर्वास: भारतीय परिवेश के लिए व्यायाम योजनाएँ

1. शारीरिक गतिविधि और हृदय स्वास्थ्य का महत्वभारत में, जीवनशैली में बदलाव और शहरीकरण के कारण हृदय रोगों की घटनाएँ तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में शारीरिक गतिविधि का…
कार्डियक पुनर्वास में जल का महत्व और हाइड्रेशन संबंधी सलाह

कार्डियक पुनर्वास में जल का महत्व और हाइड्रेशन संबंधी सलाह

1. परिचय: कार्डियक पुनर्वास में जल की भूमिकाभारतीय समाज में हृदय रोगों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों और वृद्धजन समुदाय में। कार्डियक पुनर्वास,…
बालक के विकास संबंधी विलंब में परिवार और समुदाय की भूमिका

बालक के विकास संबंधी विलंब में परिवार और समुदाय की भूमिका

1. परिचय: बाल विकास में विलंब की अवधारणाबाल विकास संबंधी विलंब वह स्थिति है जिसमें किसी बालक की शारीरिक, मानसिक, सामाजिक या भावनात्मक वृद्धि उसकी आयु के अनुसार अपेक्षित स्तर…
प्रसवोत्तर फिजियोथेरेपी में पति एवं परिवार की भूमिका

प्रसवोत्तर फिजियोथेरेपी में पति एवं परिवार की भूमिका

1. परिचय: भारतीय सन्दर्भ में प्रसवोत्तर फिजियोथेरेपी की आवश्यकताभारतीय समाज में मातृत्व का एक विशेष स्थान है, जहाँ माँ और नवजात शिशु की देखभाल को पारिवारिक एवं सामाजिक जिम्मेदारी माना…
दवा प्रबंधन: ऑस्टियोपोरोसिस के लिए उपयुक्त औषधियाँ और भारतीय बाज़ार में उपलब्ध विकल्प

दवा प्रबंधन: ऑस्टियोपोरोसिस के लिए उपयुक्त औषधियाँ और भारतीय बाज़ार में उपलब्ध विकल्प

1. ऑस्टियोपोरोसिस और इसकी चुनौतियाँभारत में ऑस्टियोपोरोसिस एक तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्या है, विशेष रूप से बुजुर्ग समुदाय के बीच। यह रोग हड्डियों को कमजोर और भंगुर बना देता…
फिजियोथेरेपी के माध्यम से आत्मनिर्भरता: बड़े-बुज़ुर्गों के लिए प्रेरक कहानियाँ

फिजियोथेरेपी के माध्यम से आत्मनिर्भरता: बड़े-बुज़ुर्गों के लिए प्रेरक कहानियाँ

परिचय: आत्मनिर्भरता का महत्वभारत में जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे स्वतंत्र रूप से जीवन जीने की इच्छा और आवश्यकता दोनों ही बढ़ जाती हैं। बड़े-बुज़ुर्गों के लिए आत्मनिर्भरता न केवल…
ग्राम्य भारत में ऑटिज़्म: विषमताएँ, चुनौतियाँ और समाधान

ग्राम्य भारत में ऑटिज़्म: विषमताएँ, चुनौतियाँ और समाधान

ग्रामीण भारत में ऑटिज़्म: सामाजिक समझ और मिथकग्रामीण समुदायों में ऑटिज़्म के प्रति जागरूकताभारत के ग्रामीण इलाकों में ऑटिज़्म एक जटिल विषय है, जिसकी सामाजिक समझ अभी भी सीमित है।…
गृहिणियों और नौकरशाहों में पीठ दर्द: सामाजिक-आर्थिक विश्लेषण

गृहिणियों और नौकरशाहों में पीठ दर्द: सामाजिक-आर्थिक विश्लेषण

1. परिचय और पृष्ठभूमिपीठ दर्द भारतीय गृहिणियों और नौकरशाहों में एक सामान्य समस्या है। हमारे समाज में, जहां पारंपरिक भूमिकाएं और सांस्कृतिक अपेक्षाएँ गहराई से जुड़ी हुई हैं, पीठ दर्द…
अनुवांशिकता, सामाजिक परिवेश और पुनरावृत्ति रोकथाम में परस्पर संबंध

अनुवांशिकता, सामाजिक परिवेश और पुनरावृत्ति रोकथाम में परस्पर संबंध

1. परिचयभारत जैसे विविधता से भरे देश में अनुवांशिकता, सामाजिक परिवेश और पुनरावृत्ति रोकथाम के बीच गहरा संबंध देखा जाता है। इन तीनों घटकों का जीवनशैली, स्वास्थ्य और समाज पर…
महिलाओं और निकोटीन व्यसन: अदृश्य समस्या और जागरूकता अभियान

महिलाओं और निकोटीन व्यसन: अदृश्य समस्या और जागरूकता अभियान

1. भारत में महिलाओं में निकोटीन व्यसन का बढ़ता प्रभावभारतीय समाज में महिलाओं के बीच निकोटीन के इस्तेमाल की स्थिति धीरे-धीरे बदल रही है। पहले जहां यह आदत मुख्यतः पुरुषों…