स्ट्रोक के बाद पुनर्वास में टेक्नोलॉजी आधारित समाधान: टेली-रिहैबिलिटेशन एवं मोबाइल ऐप्स

स्ट्रोक के बाद पुनर्वास में टेक्नोलॉजी आधारित समाधान: टेली-रिहैबिलिटेशन एवं मोबाइल ऐप्स

परिचय: स्ट्रोक के बाद पुनर्वास की आवश्यकताभारत में स्ट्रोक, यानी मस्तिष्काघात, एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो न केवल व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि उसकी जीवन…
तंत्रिका पुनर्वास में प्रौद्योगिकी का उपयोग: भारतीय अस्पतालों के उदाहरण

तंत्रिका पुनर्वास में प्रौद्योगिकी का उपयोग: भारतीय अस्पतालों के उदाहरण

1. तंत्रिका पुनर्वास में प्रौद्योगिकी की भूमिकाभारत में स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली निरंतर विकसित हो रही है, और तंत्रिका पुनर्वास के क्षेत्र में तकनीकी समाधान अपनाना इसकी एक महत्वपूर्ण दिशा बन…
स्ट्रोक सर्वाइवर की मानसिक स्वास्थ्य देखभाल: भारतीय संस्कृति में स्टिग्मा और समाधान

स्ट्रोक सर्वाइवर की मानसिक स्वास्थ्य देखभाल: भारतीय संस्कृति में स्टिग्मा और समाधान

1. स्ट्रोक सर्वाइवर का मानसिक स्वास्थ्य: एक परिचयभारत में स्ट्रोक एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी व्यक्ति को…
भारत में तंत्रिका रोगों के लिए उभरती हुई उपचार विधियाँ

भारत में तंत्रिका रोगों के लिए उभरती हुई उपचार विधियाँ

1. भारतीय संदर्भ में तंत्रिका रोगों की स्थितिभारत में तंत्रिका रोगों का प्रचलन पिछले कुछ दशकों में तेजी से बढ़ा है। बदलती जीवनशैली, बढ़ता तनाव, वायु और जल प्रदूषण, साथ…
स्ट्रोक के बाद कामकाजी जीवन की पुनर्रचना: भारतीय व्यावसायिक थेरेपी की भूमिका

स्ट्रोक के बाद कामकाजी जीवन की पुनर्रचना: भारतीय व्यावसायिक थेरेपी की भूमिका

परिचय: भारत में स्ट्रोक और कामकाजी जीवन के प्रति चुनौतियाँभारत में स्ट्रोक (आघात) एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनता जा रहा है, विशेषकर कामकाजी उम्र के लोगों के लिए। जब व्यक्ति…
भारतीय स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में स्ट्रोक के बाद पुनर्वास के सामने आने वाली चुनौतियाँ

भारतीय स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में स्ट्रोक के बाद पुनर्वास के सामने आने वाली चुनौतियाँ

1. भारत में स्ट्रोक पुनर्वास का वर्तमान परिदृश्यभारतीय स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में स्ट्रोक के बाद पुनर्वास सेवाओं की स्थिति पिछले कुछ वर्षों में धीरे-धीरे सुधर रही है, लेकिन अब भी…
पार्किंसन रोग और सामाजिक कलंक: भारतीय समाज में स्वीकृति और सहानुभूति

पार्किंसन रोग और सामाजिक कलंक: भारतीय समाज में स्वीकृति और सहानुभूति

1. पार्किंसन रोग का भारतीय संदर्भ में परिचयभारतीय समाज में पार्किंसन रोग को लेकर जागरूकता अभी भी सीमित है। यह एक न्यूरोलॉजिकल विकार है, जिसमें व्यक्ति के शरीर की गतिविधियाँ…
बाल्यावस्था की मिर्गी: भारतीय परिवारों के लिए मार्गदर्शन

बाल्यावस्था की मिर्गी: भारतीय परिवारों के लिए मार्गदर्शन

1. मिर्गी क्या है: समझना और सामान्य भ्रांतियाँबाल्यावस्था की मिर्गी के प्रकारमिर्गी (Epilepsy) एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जिसमें मस्तिष्क की असामान्य गतिविधि के कारण बार-बार दौरे (seizures) आते हैं। बच्चों…
स्पाइनल कॉर्ड इंजरी के बचाव के पारंपरिक एवं आधुनिक उपाय

स्पाइनल कॉर्ड इंजरी के बचाव के पारंपरिक एवं आधुनिक उपाय

पीठ की हड्डी और स्पाइनल कॉर्ड इंजरी का परिचयस्पाइनल कॉर्ड इंजरी, यानी रीढ़ की हड्डी में चोट लगना, एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो भारतीय समाज में तेजी से ध्यान…
भारतीय महिलाओं के संदर्भ में स्ट्रोक से रिकवरी की चुनौतियाँ और अवसर

भारतीय महिलाओं के संदर्भ में स्ट्रोक से रिकवरी की चुनौतियाँ और अवसर

भारतीय सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में महिलाओं के लिए स्ट्रोक रिकवरी की भूमिकाभारत में महिलाओं की पारिवारिक, सामाजिक और सांस्कृतिक भूमिकाएँ अद्वितीय हैं, जो स्ट्रोक से रिकवरी की प्रक्रिया को गहराई से…