How physiotherapy helps strengthen mother-child bonding in India

How physiotherapy helps strengthen mother-child bonding in India

Understanding Mother-Child Bonding in Indian ContextIn India, the bond between a mother and her child is deeply revered and celebrated across various cultural practices and traditions. From ancient times, Indian…
Role of Physiotherapy Interventions in Managing Severe Postpartum Bleeding in India

Role of Physiotherapy Interventions in Managing Severe Postpartum Bleeding in India

Introduction to Severe Postpartum Bleeding in the Indian ContextSevere postpartum bleeding, or postpartum haemorrhage (PPH), is a leading cause of maternal morbidity and mortality in India. This condition, defined as…
प्रसवोत्तर फिजियोथेरेपी में पति एवं परिवार की भूमिका

प्रसवोत्तर फिजियोथेरेपी में पति एवं परिवार की भूमिका

1. परिचय: भारतीय सन्दर्भ में प्रसवोत्तर फिजियोथेरेपी की आवश्यकताभारतीय समाज में मातृत्व का एक विशेष स्थान है, जहाँ माँ और नवजात शिशु की देखभाल को पारिवारिक एवं सामाजिक जिम्मेदारी माना…
सी-सेक्शन के बाद पुनर्वास: भारतीय माताओं के लिए व्यावहारिक सुझाव

सी-सेक्शन के बाद पुनर्वास: भारतीय माताओं के लिए व्यावहारिक सुझाव

1. सी-सेक्शन के बाद शुरुआती देखभालसी-सेक्शन डिलीवरी के बाद भारतीय माताओं के लिए शुरुआती दिनों में देखभाल बेहद महत्वपूर्ण होती है। सबसे पहले, ऑपरेशन के घाव की नियमित और साफ-सफाई…
शहरी और ग्रामीण भारतीय महिलाओं में प्रसवोत्तर स्वास्थ्य सुविधा: एक तुलनात्मक अध्ययन

शहरी और ग्रामीण भारतीय महिलाओं में प्रसवोत्तर स्वास्थ्य सुविधा: एक तुलनात्मक अध्ययन

1. भूमिका और अध्ययन की आवश्यकताभारत एक विविधता से भरा देश है जहाँ शहरी और ग्रामीण समुदायों के बीच प्रसवोत्तर स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं में उल्लेखनीय अंतर देखने को मिलता है।…
गर्भावस्था के बाद वजन कम करने में फिजियोथेरेपी की अहमियत

गर्भावस्था के बाद वजन कम करने में फिजियोथेरेपी की अहमियत

परिचय - गर्भावस्था के बाद वजन बढ़ना और उसके कारणगर्भावस्था भारतीय महिलाओं के जीवन का एक सुंदर लेकिन चुनौतीपूर्ण चरण होता है। इस समय शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते…
प्रसवोत्तर डिप्रेशन और फिजिकल एक्टिविटी: भारतीय परिप्रेक्ष्य

प्रसवोत्तर डिप्रेशन और फिजिकल एक्टिविटी: भारतीय परिप्रेक्ष्य

1. प्रसवोत्तर डिप्रेशन का भारतीय समाज में महत्वभारतीय समाज में मातृत्व को देवीत्व का दर्जा प्राप्त है और प्रसव के बाद एक महिला से आशा की जाती है कि वह…
कम बजट में ग्रामीण भारत में प्रसव के बाद फिजियोथेरेपी विकल्प

कम बजट में ग्रामीण भारत में प्रसव के बाद फिजियोथेरेपी विकल्प

ग्रामीण भारत में प्रसवोत्तर फिजियोथेरेपी का महत्वग्रामीण भारत में महिलाओं के लिए प्रसव के बाद की देखभाल बेहद जरूरी है। गांवों में अक्सर संसाधनों की कमी होती है, जिससे महिलाएं…
प्रसव के तुरंत बाद माहवारी एवं चुस्त स्वास्थ्य के लिए फिजियोथेरेपी रणनीतियां

प्रसव के तुरंत बाद माहवारी एवं चुस्त स्वास्थ्य के लिए फिजियोथेरेपी रणनीतियां

1. प्रसव के तुरंत बाद शरीर में होने वाले बदलावप्रसव के तुरंत बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल, शारीरिक और भावनात्मक बदलाव आते हैं। भारतीय संस्कृति में…
डायस्टेसिस रेक्टाई: भारतीय महिलाओं में उपचार और रोकथाम के तरीके

डायस्टेसिस रेक्टाई: भारतीय महिलाओं में उपचार और रोकथाम के तरीके

1. डायस्टेसिस रेक्टाई क्या है और यह भारतीय महिलाओं को कैसे प्रभावित करता हैडायस्टेसिस रेक्टाई के सामान्य कारणडायस्टेसिस रेक्टाई एक ऐसी स्थिति है जिसमें पेट की सामने की मांसपेशियाँ (rectus…